Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
सिद्धार्थ गोरखपुरी
118 Followers
Follow
Report this post
9 Aug 2021 · 1 min read
अंधेरे
उजाले बाँटकर होंगे बस अंधेरे मयस्सर।
ये इस नई दुनिया का नया सिलसिला है।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
2 Likes
· 294 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
मंज़िल पाने के लिए जिंदगी का ज़हर भी घुंट बनाकर पीना पड़ता ह
पूर्वार्थ
यूं बेवफ़ाई भी देखो इस तरह होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुद से खुद को
Dr fauzia Naseem shad
"मेरी आवाज"
Dr. Kishan tandon kranti
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्क्रीनशॉट बटन
Karuna Goswami
शीर्षक: ख्याल
Harminder Kaur
ना तुझ में है, ना मुझ में है
Krishna Manshi
डूबता सुरज हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
सत्य कुमार प्रेमी
चारु
NEW UPDATE
वैसे तो चाय पीने का मुझे कोई शौक नहीं
Sonam Puneet Dubey
उत्तम देह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
#तस्वीर_पर_शेर:--
*प्रणय*
उफ़ ये बेटियाँ
SHAMA PARVEEN
.... कुछ....
Naushaba Suriya
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
साहित्यिक आलेख - पुस्तक विमर्श - मैला आँचल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
नाकाम मुहब्बत
Shekhar Chandra Mitra
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
Sumita Mundhra
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
Ranjeet kumar patre
3409⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
'प्रेमिकाएं' चाहती रही.. 'अर्धांगिनी' कहलाने का हक
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बाघों की चिंता करे,
sushil sarna
साकार आकार
Dr. Rajeev Jain
हटा 370 धारा
लक्ष्मी सिंह
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
आर.एस. 'प्रीतम'
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रमेशराज के दो लोकगीत –
कवि रमेशराज
Loading...