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1 Jul 2024 · 1 min read

अंधेरी रात

माना कि
रात अंधेरी है
सुबह होने में
देरी है
फिर भी दीया
जलाए जा
आंधी में
जगमगाए जा…
(१)
माना कि
रूत अनेरी है
बहार आने में
देरी है
फिर भी गीत
सुनाए जा
पतझर में
खिलखिलाए जा…
(२)
माना कि
ऊमस अहेरी है
बारिश होने में
देरी है
फिर भी
धूम मचाए जा
इस लू में
सबा बहाए जा…
(३)
माना कि
वादी घनेरी है
मंज़िल मिलने में
देरी है
फिर भी
क़दम बढ़ाए जा
रास्ते में
गुनगुनाए जा…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#ChandrashekharAzad
#BhimArmy #ASP #हक
#SocialJustice #अधिकार
#इंसाफ #संघर्ष #भीम_आर्मी
#चंद्रशेखर_आजाद #इंकलाब

Language: Hindi
Tag: गीत
14 Views
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