अंधभक्त
आस्था भी बेच दी,कौन करे विश्वास।
अंधभक्त भी ले रहे, लम्बी- लम्बी सांस।।
लम्बी- लम्बी सांस,बताओ हमको भैया।
कौन रहा है बेच देश के कौन खिबईया।।
कह सागर कविराय,देश भक्ति फैलाओ।
जो बेचे हर माल,देश को उससे बचाओ।।
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जनकवि/ बेखौफ शायर
डॉ. नरेश कुमार “सागर”
15/06/2021