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19 Feb 2024 · 1 min read

अंधकार में छाई एक धुंधली रात,

अंधकार में छाई एक धुंधली रात,
डर की चादर से लिपटा है हर कोना।
सनसनी सी छाई, हवा में है ख़ौफ,
मन में घूमते हैं अनजाने ख्याल।

अंधकार में छाई रात की गहराई,
डर से भरी हर राह लगती खतराई।
चुपचाप आता है वो काला साया,
हर कदम पर महसूस होता है भय पास है आया ।

अंजाने में छिपा है डर का खेल,
मन को घेरे हैं अजीब से सवाल।
डर को हराकर है मन का संग्राम।
पर जीवन का सफर है एक ख़्याल ।

डर की चादर से लिपटा ये जीवन,
हौंसले से तोड़ता है सभी दीवारें।
पर जीत है उसी की, जिसने मिटाया डर,
साहस और विश्वास में है जीवन का असली असर।

Language: Hindi
73 Views
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