अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
1.
ख्वाहिशों के समंदर में आखिर डूबना ही क्यों
उठने की चाह में आखिर बार – बार गिरना ही क्यों
२.
मेरी कलम को अपने अमानत कर ऐ मेरे खुदा
मेरे अल्फाजों को अपनी इबादत कर ऐ मेरे खुदा
३.
आगाज़ तेरी हर सुबह का इबादत से हो तो अच्छा हो
तेरी हर एक कोशिश पर खुदा की इनायत हो तो अच्छा हो
4.
आजमाइशों में न उलझ , कोशिश को परवान दे
अंजाम की परवाह न कर , अपनी कोशिशों को आसमान दे
5.
आब – ए – आइना (दर्पण की चमक) में न उलझ, अपनी सीरत पर कर गौर
सूरत है चार दिन की चांदनी , सीरत ताउम्र की सौगात
6.
आत्मा के उत्सव की इबारतें करें रोशन
क्यूं कर ये जिन्दगी, जिन्दगी को मोहताज़ हो