Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2018 · 1 min read

:: अंदाज़ ::

** अंदाज़ **
// दिनेश एल० “जैहिंद”

जग में सबके अपने-अपने अंदाज़ हैं ।
अपने-अपने सबके यहाँ तो काज है ।।
कौन क्या किसी से लेता-देता यहाँ,,
सबको अपने-आप पर बड़े नाज़ है ।।

चिड़ियों के उड़ने का अंदाज़ निराला है ।।
शेरों के गरजने का अंदाज़ विकराला है ।।
हरेक प्राणी के जीने का अंदाज़ है पृथक ,,
हिरणों के चलने का अंदाज़ मतवाला है ।।

हर किसी के जीने की कुछ-कुछ शैली है ।।
किसी की चादर साफ़ किसी की मैली है ।।
किसी की सोच ऊँची तो किसी की ओछी,,
कहीं आवाज़ मीठी तो कहीं मट-मैली है ।।

सूरज के निकलने का अंदाज़ खूबसूरत है ।।
चंद्रमा को उगने के अंदाज़ से मोहब्बत है ।।
सबमें अंदाज़ है बिना अंदाज़ का कौन है,,
सितारों की जगमगाहट में भी शराफत है ।।

===≈≈≈≈≈≈≈====
दिनेश एल० “जैहिंद”
12. 01. 2018

Language: Hindi
408 Views

You may also like these posts

यकीन
यकीन
Ruchika Rai
तेरे क़दमों पर सर रखकर रोये बहुत थे हम ।
तेरे क़दमों पर सर रखकर रोये बहुत थे हम ।
Phool gufran
कभी आप अपने ही समाज से ऊपर उठकर देखिए।
कभी आप अपने ही समाज से ऊपर उठकर देखिए।
Rj Anand Prajapati
With and without.
With and without.
Priya princess panwar
*असर*
*असर*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सिर्फ जी तोड़कर मेहनत की ,नहीं की कभी नतीजे की परवाह ,
सिर्फ जी तोड़कर मेहनत की ,नहीं की कभी नतीजे की परवाह ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कभी कभी इंसान बहुत खुशी दिखाता है
कभी कभी इंसान बहुत खुशी दिखाता है
Mamta Rani
बेमतलब के
बेमतलब के
Dushyant Kumar Patel
जीवन में कुछ भी रखना, निभाना, बनाना या पाना है फिर सपने हो प
जीवन में कुछ भी रखना, निभाना, बनाना या पाना है फिर सपने हो प
पूर्वार्थ
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
*शादी की जो आयु थी, अब पढ़ने की आयु (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
Sonam Puneet Dubey
अर्थ शब्दों के. (कविता)
अर्थ शब्दों के. (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नास्तिक किसे कहते हैं...
नास्तिक किसे कहते हैं...
ओंकार मिश्र
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
" वार "
Dr. Kishan tandon kranti
जिन्दगी में वो लम्हा बेहतरीन होता है, जब तुम किसी से कुछ कहन
जिन्दगी में वो लम्हा बेहतरीन होता है, जब तुम किसी से कुछ कहन
Ritesh Deo
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
एक दोहा...
एक दोहा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पाइप लागल बाटे बाकिर...
पाइप लागल बाटे बाकिर...
आकाश महेशपुरी
कुछ लोग ऐसे हैं दुनिया में
कुछ लोग ऐसे हैं दुनिया में
Ajit Kumar "Karn"
अल मस्त फकीर
अल मस्त फकीर
Dr. P.C. Bisen
S
S
*प्रणय*
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :
स्वतंत्रता दिवस पर ३ रचनाएं :
sushil sarna
तेरे कहने पे ही तुझसे किनारा कर लिया मैंने
तेरे कहने पे ही तुझसे किनारा कर लिया मैंने
Dr Archana Gupta
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
वास्तविकता से परिचित करा दी गई है
Keshav kishor Kumar
********* कुछ पता नहीं *******
********* कुछ पता नहीं *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
- तेरा मुस्कुराना -
- तेरा मुस्कुराना -
bharat gehlot
ओ लहर बहती रहो …
ओ लहर बहती रहो …
Rekha Drolia
धरती पर स्वर्ग
धरती पर स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...