अंदाज़े शायरी
जिन्दगी जिंदादिली का पर्याय हो जाए
किसी के आंसुओं पर निसार हो जाए |
चुरा ले गम किसी की सिसकती सांसों से
खुद के ग़मों से बेपरवाह हो जाए ||
जिन्दगी जिंदादिली का पर्याय हो जाए
किसी के आंसुओं पर निसार हो जाए |
चुरा ले गम किसी की सिसकती सांसों से
खुद के ग़मों से बेपरवाह हो जाए ||