अंदाज़े बयाँ
फूलों से पूछो , दो दिन की जिन्दगी जीने का खुशनुमा एहसास |
बिखेरते खुशबू , कभी हो जाते देवों के क़दमों में बिखर , कभी हो जाते किसी प्रियतमा की वेणी का श्रृंगार ||
फूलों से पूछो , दो दिन की जिन्दगी जीने का खुशनुमा एहसास |
बिखेरते खुशबू , कभी हो जाते देवों के क़दमों में बिखर , कभी हो जाते किसी प्रियतमा की वेणी का श्रृंगार ||