Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2024 · 1 min read

अंत बुराई का होता है

अंत बुराई का होता है
अच्छाई का नहीं
क्योंकि वास्तविक सुख अच्छाई में है
बुराई में नहीं
_ सौम्या

46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।
कहीं भूल मुझसे न हो जो गई है।
surenderpal vaidya
सुंदरता की देवी 🙏
सुंदरता की देवी 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कोई होमवर्क नहीं मिल पा रहा है मुझे,
कोई होमवर्क नहीं मिल पा रहा है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी भी चीज़ की आशा में गँवा मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गँवा मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
ऐ दिल सम्हल जा जरा
ऐ दिल सम्हल जा जरा
Anjana Savi
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
AJAY AMITABH SUMAN
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
कुछ भागे कुछ गिर गए,
कुछ भागे कुछ गिर गए,
sushil sarna
4239.💐 *पूर्णिका* 💐
4239.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"प्रणय-डगर आमंत्रण देती,
*प्रणय*
......तु कोन है मेरे लिए....
......तु कोन है मेरे लिए....
Naushaba Suriya
Freedom
Freedom
Shyam Sundar Subramanian
सच और झूँठ
सच और झूँठ
विजय कुमार अग्रवाल
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
ए चांद आसमां के मेरे चांद को ढूंढ ले आ,
इंजी. संजय श्रीवास्तव
गुरु ही साक्षात ईश्वर
गुरु ही साक्षात ईश्वर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
विश्वास
विश्वास
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
क्या कहें
क्या कहें
Dr fauzia Naseem shad
Temple of Raam
Temple of Raam
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
" सीमाएँ "
Dr. Kishan tandon kranti
ज्योति : रामपुर उत्तर प्रदेश का सर्वप्रथम हिंदी साप्ताहिक
ज्योति : रामपुर उत्तर प्रदेश का सर्वप्रथम हिंदी साप्ताहिक
Ravi Prakash
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
***रिमझिम-रिमझिम (प्रेम-गीत)***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ता थैया थैया थैया थैया,
ता थैया थैया थैया थैया,
Satish Srijan
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
Priya princess panwar
क्या लिखूं ?
क्या लिखूं ?
Rachana
Loading...