अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
दंभ लिए ज्ञानी मानव भी, सदाचार रहित परम हर होगा।।
वशीभूत स्वयं भावना के, पाप करेगा मानव छल बल से।
संतोष नहीं होगा प्रीतम, जब होगा पैदल बड़ा अक़्ल से।।
#आर. एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित रचना