अंतिम मुलाकात कर लेते हैं।
सुनो न,
चलो एक हसीन मुलाकात कर लेते हैं,
जो दिल में दबी बातें हैं मेरे,
वो एक रात इज़हार कर लेते हैं,
बेशक तुम ठुकरा देना मुझे,
पर एक बार अंतिम मुलाकात कर लेते हैं,
यूँ तो तन्हाईयाँ,
मेरी हमेशा ही एक बेहतरीन दोस्त रही है,
पर जब से तुम मिली हो न
कमबख्त ये नींद भी रात भर नहीं आती।
सुनो न,
हक है तुम्हारा रूठने का मुझसे,
पर मेरा भी तो एक हक है तुझे मनाने का,
ये तुम्हारा रूठना,
फिर हमेशा के लिए अलविदा कहना,
एक प्यारा सा सुकून देता है मुझे,
मानो,
जैसे चाँद ने कहा हो चांदनी से,
तुम सिर्फ मेरी हो, मेरी ही रहना।