Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2022 · 1 min read

अंतर्मन

अंतर्मन..

तुम अंतर्मन की
जिज्ञासा से
करीब ही नहीं
ओत प्रोत हो जाते हो
अंबर पर तारों
के मध्य
मृगतृष्णा
एक परिहास सा होता है
नित्य तुम आते हो
लौट जाते हो

मनोज शर्मा

Language: Hindi
310 Views

You may also like these posts

प्रेम की बात को ।
प्रेम की बात को ।
अनुराग दीक्षित
दरख़्त पलाश का
दरख़्त पलाश का
Shakuntla Shaku
रुका तू मुद्दतों के बाद मुस्कुरा के पास है
रुका तू मुद्दतों के बाद मुस्कुरा के पास है
Meenakshi Masoom
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
शीर्षक - स्वप्न
शीर्षक - स्वप्न
Neeraj Agarwal
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मैं खोया हूँ मयखाने में...
मैं खोया हूँ मयखाने में...
रमाकान्त पटेल
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
कुछ बूँद हिचकियाँ मिला दे
शेखर सिंह
वो सिर्फ ५० वोटर कार्ड नहीं थे
वो सिर्फ ५० वोटर कार्ड नहीं थे
Abasaheb Sarjerao Mhaske
सयाना
सयाना
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल __गुलज़ार देश अपना, त्योहार का मज़ा भी ,
ग़ज़ल __गुलज़ार देश अपना, त्योहार का मज़ा भी ,
Neelofar Khan
हिन्दी की दशा
हिन्दी की दशा
श्याम लाल धानिया
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
Tuning fork's vibration is a perfect monotone right?
Chaahat
समय का सिक्का - हेड और टेल की कहानी है
समय का सिक्का - हेड और टेल की कहानी है
Atul "Krishn"
"कथनी-करनी"
Dr. Kishan tandon kranti
भावों को व्यक्त कर सकूं वो शब्द चुराना नही आता
भावों को व्यक्त कर सकूं वो शब्द चुराना नही आता
अर्पिता शगुन त्रिवेदी
वर्तमान लोकतंत्र
वर्तमान लोकतंत्र
Shyam Sundar Subramanian
बीज अंकुरित अवश्य होगा
बीज अंकुरित अवश्य होगा
VINOD CHAUHAN
ना धर्म पर ना जात पर,
ना धर्म पर ना जात पर,
Gouri tiwari
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
डॉ निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
5) दुआ
5) दुआ
नेहा शर्मा 'नेह'
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
Rj Anand Prajapati
- जीवन निर्वाह -
- जीवन निर्वाह -
bharat gehlot
*रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व*
*रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व*
Ravi Prakash
जीवन की आवाज़
जीवन की आवाज़" (Voice of Life):
Dhananjay Kumar
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
sushil sarna
लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी
लोहा ही नहीं धार भी उधार की उनकी
Dr MusafiR BaithA
Dear self,
Dear self,
पूर्वार्थ
देखा है
देखा है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...