Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

*अंतर्मन में राम जी, रहिए सदा विराज (कुंडलिया)*

अंतर्मन में राम जी, रहिए सदा विराज (कुंडलिया)
_________________________
अंतर्मन में राम जी, रहिए सदा विराज
बन जाऍंगे आपके, रहने से सब काज
रहने से सब काज, मुक्ति के क्षण आऍंगे
लोभ-मोह के भाव, न भीतर आ पाऍंगे
कहते रवि कविराय, राम-प्रभु असली हैं धन
हरते सभी विकार, शुद्ध करते अंतर्मन
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
मोहब्बत और मयकशी में
मोहब्बत और मयकशी में
शेखर सिंह
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
धीरे-धीरे रूप की,
धीरे-धीरे रूप की,
sushil sarna
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
परिणाम जो भी हो हमें खुश होना चाहिए, हमें जागरूक के साथ कर्म
Ravikesh Jha
मातृदिवस
मातृदिवस
Satish Srijan
आगाज़
आगाज़
Vivek saswat Shukla
अंधकार जो छंट गया
अंधकार जो छंट गया
Mahender Singh
3829.💐 *पूर्णिका* 💐
3829.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सफलता की फसल सींचने को
सफलता की फसल सींचने को
Sunil Maheshwari
If you don’t give your mind a problem to solve, it will crea
If you don’t give your mind a problem to solve, it will crea
पूर्वार्थ
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
!! मेघ !!
!! मेघ !!
Chunnu Lal Gupta
*तुम न आये*
*तुम न आये*
Kavita Chouhan
नफरतों के_ शहर में_ न जाया करो
नफरतों के_ शहर में_ न जाया करो
कृष्णकांत गुर्जर
AE888 - Nhà Cái Cung Cấp Nhiều Phương Thức Thanh Toán Tiện L
AE888 - Nhà Cái Cung Cấp Nhiều Phương Thức Thanh Toán Tiện L
AE888
*बदलाव की लहर*
*बदलाव की लहर*
sudhir kumar
मैं और वो
मैं और वो
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
ये तेरी यादों के साएं मेरे रूह से हटते ही नहीं। लगता है ऐसे
Rj Anand Prajapati
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
😢विडम्बना😢
😢विडम्बना😢
*प्रणय*
मैंने देखा है
मैंने देखा है
Bindesh kumar jha
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
दीपक झा रुद्रा
नयी कोई बात कहनी है नया कोई रंग भरना है !
नयी कोई बात कहनी है नया कोई रंग भरना है !
DrLakshman Jha Parimal
भूख
भूख
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
सब कहते हैं की मजबूरियाँ सब की होती है ।
Ashwini sharma
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हँस रहे थे कल तलक जो...
हँस रहे थे कल तलक जो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"अकेडमी वाला इश्क़"
Lohit Tamta
"अकेला"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...