Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2021 · 1 min read

अंतर्द्वंद

नमन माँ शारदे!
विषय:- #अन्तर्द्वन्द

=====================
टिकी निगाह क्षितिज पर ,सवालों के नभ में
दायित्वों का बोझ बंधा ,क्यों नारी आँचल में।

गर्भ से लेकर मरण तक ,देती परीक्षा हर पल
अंतर्द्वंद की नम धरा पर ,कौन बीज रोपे हर पल ।

झंझावातों के चक्रवातों सा ,घिरा द्वंद में अस्तित्व
उत्ताल प्रश्नों की तरंगे ,कोलाहल कर उठती तव

अशेष ,मौन सन्नाटे में रहते निरुत्तर जब ठगे से
लहुलुहान हो उर समाते,स्वप्न सभी थे जो जगे से ।

उम्र जब ड्योढ़ी चढ़ती,देह अनावृत हो जाती
मन के द्वंद जाल में ,लाज स्वयं ही सिमट जाती।

अनुत्तरित प्रश्नों से झांकता ,शून्य सा वह तारा
अंतर्द्वंद के धागों में उलझ भोला मन बौराया।

दिशाहीन सा मन मेरा तब ,उलझा ,सुलझा सा
इस रण में घिरता विश्वास ,क्यों था धुंधलाया सा

अघोषित ‘अन्तर्द्वन्द’ के युद्ध में उमड़ती उर्मियाँ
भावनाओं के भँवर में डूबती उतराती सिसकियाँ ।

स्वरचित:- मनोरमा जैन पाखी
भिंड मध्य प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 222 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सन्मति औ विवेक का कोष
सन्मति औ विवेक का कोष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
सजाया जायेगा तुझे
सजाया जायेगा तुझे
Vishal babu (vishu)
“अकेला”
“अकेला”
DrLakshman Jha Parimal
सफल व्यक्ति
सफल व्यक्ति
Paras Nath Jha
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
रात का आलम किसने देखा
रात का आलम किसने देखा
कवि दीपक बवेजा
"अपेक्षा"
Yogendra Chaturwedi
मन में सदैव अपने
मन में सदैव अपने
Dr fauzia Naseem shad
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आया खूब निखार
आया खूब निखार
surenderpal vaidya
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जीवन के दिन चार थे, तीन हुआ बेकार।
जीवन के दिन चार थे, तीन हुआ बेकार।
Manoj Mahato
तुम्हारी बातों में ही
तुम्हारी बातों में ही
हिमांशु Kulshrestha
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
" भूलने में उसे तो ज़माने लगे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
जीने का एक अच्छा सा जज़्बा मिला मुझे
अंसार एटवी
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
यहाँ किसे , किसका ,कितना भला चाहिए ?
_सुलेखा.
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा तृतीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार की कस्ती पे
प्यार की कस्ती पे
Surya Barman
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
फिर क्यूँ मुझे?
फिर क्यूँ मुझे?
Pratibha Pandey
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
3374⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
मेरी तो गलतियां मशहूर है इस जमाने में
Ranjeet kumar patre
#गीत
#गीत
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...