अंतर्जातीय विवाह
अगर प्रेम-विवाह करने के लिए घर-परिवार से विद्रोह भी करना पड़े तो वह जायज़ है। कुछ जोड़े ही जाति और धर्म की दीवारों को फांदने की हिम्मत करते हैं। प्रेम के बिना हम मनुष्य होने का दर्जा ही हासिल नहीं कर सकते और जाति-पाति को समाप्त किए बिना तो भारत को एक देश ही नहीं कहा जा सकता ..!