अंतराष्टीय महिला दिवस पर कुछ पंक्तिया —-आर के रस्तोगी
नारी शक्ति पुंज है,करती सबका उद्धार
व्यक्त करे कैसे प्रभु,इन सबका आभार
माँ,बहन,बेटी और बहु नारी की है पहचान
स्रष्टि का आधार है इन पर कर अभिमान
क्यों कहती है ये दुनिया ,महिला है कमजोर
अरे आज भी उनके हाथो,घर चलाने की डोर
कहते है लोग,नारी का अपना न होता कोई घर
जरा समझो,नारी के बिन होता नहीं कोई घर
महिला संसार की किस्मत है फिर भी किस्मत की मारी
महिला आज भी जिन्दा जलती है फिर भी सबसे है भारी
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम