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25 Jan 2021 · 1 min read

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर,24.1.2021

नन्ही नन्ही सी मुस्कान,मीठी बोली बोले जान।
नन्हें नन्हें से हैं पांव, प्यारी बेटी आइये।

ये खुशियों का भंडार, प्यार करती अपार ।
चंचला सा व्यवहार,मासूम ही पाइये।

बेटों की करते चाह, कोख में बेटी को मार,
माता पर अत्याचार, हत्यारा ही गाइये।

मातापिता की हैं शान ,खुशियों का हैं जहान
विश्व की हैं पहचान, बेटियां ही जाइये।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

2 Comments · 209 Views
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