अंततः…
अंततः…
भोर से साँझ तक
एक लंबी प्रतीक्षा के बाद
रात के पहले पहर में
हारकर जोड़ लेता हूँ मैं
ख़ुद को तुम्हारी यादों के साथ।।
हिमांशु Kulshrestha
अंततः…
भोर से साँझ तक
एक लंबी प्रतीक्षा के बाद
रात के पहले पहर में
हारकर जोड़ लेता हूँ मैं
ख़ुद को तुम्हारी यादों के साथ।।
हिमांशु Kulshrestha