“अंजन”
“अंजन”
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‘अंजन’ से अंधेरे में भी कभी धैर्य ना खोना।
जीवन में सुख, दु:ख के हर भाव तू संजोना।
फूलों के सेज संग काॅंटों का चुभन सहकर ,
कर्तव्य पथ पे अग्रसर, जहाॅं रौशन कर देना।
( स्वरचित एवं मौलिक )
© अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक :- 11 / 04 / 2022.
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