अंग्रेजी मन वर्ष की,ये कैसी शुरुआत
आई है नव वर्ष की, …… … नई नवेली भोर !
खिड़की से दिल की मुझे, झाँक रहा चितचोर !!
पहुँची हो उन्नीस मे, लेखन से कुछ ठेस !
क्षमा ह्रदय से माँगता, उनसे आज रमेश !!
किया गलत उन्नीस में, जिसने भी जो काज !
आशा है नव वर्ष में , …….आजायें वे बाज !!
मदिरा में डूबे रहे , …लोग समूची रात !
अंग्रेजी नव वर्ष की, यह कैसी शुरुआत !!
रमेश शर्मा