अंको संग कविता
100 में 99 बे बेईमान
फिर भी मेरा देश महान ।
अपने मुल्क़ मे ही छिपे है, लाखो शैतान
जो ले लेते है, अपनो की ही जान ।
1 नेक अकेला 1 ध्रुव तारा है
निज स्वार्थ वाले हर सदकर्म से 9-2 -11 है।
भलाई की बात करना हुआ 1 बिता जमाना है
भ्रस्ट लोगो की तरक्की दिन 2गुना और रात 4गुणा है।
नेताओ की बाते जैसे 3-13 है
छल कपट यहाँ 10 सो दिशाओ मे फैला है।
खबरे आज 19-20 है
जिसे देखो उसे खिश है।
4 अक्षर जो पढ़ा वो बना अब बड़ा ज्ञानी है
17-18 साल में ही चढ़ जाने लगी जवानी है।
36 के 36 गुण मिला दे वो पंडित की विधवानि है
4 गवाहो के बीच शादी करा दे वो सरकार की मेहरबानी है।
हर प्यार का प्यार 14 वी का चांद है
जिसके पूरे हो जाय उसके तो 4 चांद है।
किसी का किसी से बड़ा 60 गाठ है
तो किसी का किसी से 3-6 का हालात है।
विक्रम कुमार सोनी