*अँकुरित प्यार*
ये क्या स्थिति हे ,कोई बतला दे
बेचैन मन को , सागर से मिला दे।
भटके हुऐ ह्रदय को ,मोम जैसा जला दे ।
चीर दे अंदर तक ज़िगर, पर इस तिस को मिटा दे ।
ये क्या स्थिति हे ,कोई बतला दे
बेचैन मन को , सागर से मिला दे।
लगता है दिमाग के समंदर में पथर कोई गिरा है।
बाग़ी पानी को समेंटने की सज़ा दे ।
चंचल सी सोच को सही रहा का पता दे ।
मेरी शरारतो को महोबत की बफा दे ।
ये क्या स्थिति हे ,कोई बतला दे
बेचैन मन को , सागर से मिला दे।