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26 Oct 2021 · 1 min read

یہ جدائی بھی کتنی عجیب ہے۔

یہ جدائی بھی کتنی عجیب ہے۔
کہ تجھے الوداع بھی نہ کہہ سکا۔
تیرے دل میں رہنے کی خواہش تھی۔
پر تیرے شہر میں بھی نہ رہ سکا۔

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 164 Views
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