Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2022 · 1 min read

بہت ہوشیار ہو گئے ہیں لوگ۔

بہت ہوشیار ہو گئے ہیں لوگ۔
ہم سے بے زار ہو گئے ہیں لوگ۔
❤️
جھوٹ کہتے ہیں دیکھ کر سچ کو۔
کتنے لاچار ہو گئے ہیں لوگ ۔
❤️
جو بناتے ہیں سانپ رسّی کا۔
ایسے اخبار ہوگئے ہیں لوگ۔
❤️
اب غلامی میں نفس کے دیکھو۔
فرماں بردار ہو گئے ہیں لوگ۔
❤️
قتل کر دیتے ہیں مظلوموں کا۔
کتنے بے کار ہو گئے ہیں لوگ۔
❤️
“صغیر” انصاف کی تمنا میں۔
اب تو سنگسار ہوگئے ہیں لوگ۔
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
ڈاکٹر صغیر احمد صدیقی
خیرا بازار بہرائچ

Language: Urdu
1 Like · 276 Views

You may also like these posts

संस्कृति संस्कार
संस्कृति संस्कार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
???????
???????
शेखर सिंह
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वो तो हंसने हंसाने की सारी हदें पार कर जाता है,
वो तो हंसने हंसाने की सारी हदें पार कर जाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर रोज याद आऊं,
हर रोज याद आऊं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
एक उड़ान, साइबेरिया टू भारत (कविता)
Mohan Pandey
मन ये मुस्कुराए
मन ये मुस्कुराए
Shinde Poonam
*आदर्श युवा की पहचान*
*आदर्श युवा की पहचान*
Dushyant Kumar
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रिश्ते
रिश्ते
Shashi Mahajan
गाँधी जयंती
गाँधी जयंती
Surya Barman
तुम पथ भूल न जाना पथिक
तुम पथ भूल न जाना पथिक
Sushma Singh
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
आसान नहीं
आसान नहीं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
विवाहोत्सव
विवाहोत्सव
Acharya Rama Nand Mandal
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
Sonam Puneet Dubey
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
तुम्हें पाने के बाद मुझे सिर्फ एक ही चीज से डर लगता है वो है
Ranjeet kumar patre
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
चारू कात देख दुनियां कें,सोचि रहल छी ठाड़ भेल !
चारू कात देख दुनियां कें,सोचि रहल छी ठाड़ भेल !
DrLakshman Jha Parimal
मुराद
मुराद
Mamta Singh Devaa
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
Harminder Kaur
🙅सावधान🙅
🙅सावधान🙅
*प्रणय*
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
Attraction
Attraction
Vedha Singh
"मुद्रा"
Dr. Kishan tandon kranti
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Dr. Man Mohan Krishna
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
*अपना सरगम दे जाना*
*अपना सरगम दे जाना*
Krishna Manshi
जो नि: स्वार्थ है
जो नि: स्वार्थ है
Mahetaru madhukar
Loading...