Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2021 · 1 min read

دوہے

(1)
غزل کہون تو مَیں ‘اسد’، مُجھ میں بستے ‘میر’
دوہا جب کہنے لَگُوں ، مُجھ میں *سینٹ ‘کبیر’
***
(2)
مہنگی روٹی – دال ہے، مکھیہ تجھے سلام
پوچھے کون غریب کو، عزت بھی نیلام
***
(3)
سبکا کھےونہار ہے، ایک وہی ملاح
ہندی میں بھگوان ہے، عربی میں اللہ
***
(4)
دیوان-غالب پڑھو، مہاویر یوں آپ
اردو-عربی-فارسی، ہندی کرے ملاپ
***
(5)
پڑھا-لکھا انسان ہی، لکھتا ہے تقدیر
انپڑھ یہاں دکھی رہا ، کہے کوی مہاویر
***
(6)
بھاشا کے سممان سے، ملکوں کا سممان
بھاشا کی پہچان ہی، ملکوں کی پہچان
***
(7)
سب کہیں اترانچلی ، مہاویر ہے نام
ادبی خدمات مَیں کروں ، میرا ہے یہ کام
***
(8)
ہوتا آیا ہے یہی ، اچرج کی کیا بات
سچ کی خاطر آج بھی، زہر پے **سُقْراط
***
_______________________________
*سینٹ کبیر — صُوفی کبیر (‘کبیر’ کو ہندی مے “سنت” بولا جاتا ہے.)
**سُقْراط — یونانی فلاسفر(Greek philosopher)، جو ہجرت “عیسیٰ” سے پانچ سو سال پہلے تھے.

— مہاویر اترانچلی

Language: Urdu
Tag: نظم
1 Like · 1 Comment · 435 Views
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all

You may also like these posts

खिलेंगे फूल राहों में
खिलेंगे फूल राहों में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
परिणाम विश्लेषण, (घनाक्षरी छंद)
परिणाम विश्लेषण, (घनाक्षरी छंद)
guru saxena
बसन्त ऋतु
बसन्त ऋतु
Durgesh Bhatt
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"संघर्ष पथ पर डटे रहो"
Ajit Kumar "Karn"
बहुत कहानी तुमने बोई
बहुत कहानी तुमने बोई
Suryakant Dwivedi
#OMG
#OMG
*प्रणय*
तुम यानी मैं
तुम यानी मैं
शिवम राव मणि
चढ़ते सूरज को सदा,
चढ़ते सूरज को सदा,
sushil sarna
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
Shwet Kumar Sinha
*कविवर श्री हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष (कुंडलिया)*
*कविवर श्री हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बहारों के मौसम में तेरा साथ निभाने चला हूं
बहारों के मौसम में तेरा साथ निभाने चला हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जज़्बात - ए बया (कविता)
जज़्बात - ए बया (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
Ravikesh Jha
चारू कात देख दुनियां कें,सोचि रहल छी ठाड़ भेल !
चारू कात देख दुनियां कें,सोचि रहल छी ठाड़ भेल !
DrLakshman Jha Parimal
इस दीपावली
इस दीपावली
Laxmi Narayan Gupta
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
कई युगों के बाद - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
3744.💐 *पूर्णिका* 💐
3744.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"इश्क़ में वादा-खिलाफी आम बात है ll
पूर्वार्थ
सब दिन होत न समान
सब दिन होत न समान
manorath maharaj
वाणी
वाणी
Shutisha Rajput
खोजी हो तो खोजिये
खोजी हो तो खोजिये
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"लेकिन"
Dr. Kishan tandon kranti
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
Phool gufran
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
Ravi Betulwala
तुम जो आसमान से
तुम जो आसमान से
SHAMA PARVEEN
हे सर्वस्व सुखद वर दाता
हे सर्वस्व सुखद वर दाता
Bharti Das
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
बेटा
बेटा
Neeraj Agarwal
अरे ! पिछे मुडकर मत देख
अरे ! पिछे मुडकर मत देख
VINOD CHAUHAN
Loading...