Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2022 · 1 min read

اپنوں سے نہ غیروں سے ۔۔۔

اپنوں سے نہ غیروں سے کوئی بھی گلہ رکھنا
آنکھوں کو کھلا رکھنا ہونٹوں کو سلا رکھنا

جو زخم ملا تم کو اپنے ہی عزیزوں سے
کیا خوب مزہ دیگا تم زخم چلا رکھنا

معصوم بہت ہو تم دنیا کی نگاہوں میں
تکلیف اٹھا کر بھی چہرے کو کھلا رکھنا

دو دن کی مصیبت میں جو چھوڑ گئے تم کو
تم ایسے حبیبوں سے ہرگز نہ گلہ رکھنا

یہ دور سیاست ہے، اس میں یہ روایت ہے
گو دل نہ ملیں پھر بھی تم ہاتھ ملا رکھنا

شو کمار بلگرامی

1 Like · 277 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे खिलाफ वो बातें तमाम करते हैं
मेरे खिलाफ वो बातें तमाम करते हैं
पूर्वार्थ
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
"मन की संवेदनाएं: जीवन यात्रा का परिदृश्य"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब  एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की
ललकार भारद्वाज
सब व्यस्त हैं जानवर और जातिवाद बचाने में
सब व्यस्त हैं जानवर और जातिवाद बचाने में
अर्चना मुकेश मेहता
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
Johnny Ahmed 'क़ैस'
वक्त गुजर जायेगा
वक्त गुजर जायेगा
Sonu sugandh
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
" अदा "
Dr. Kishan tandon kranti
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
"बिलखती मातृभाषा "
DrLakshman Jha Parimal
रंगों का त्योहार है होली।
रंगों का त्योहार है होली।
Satish Srijan
हस्ती
हस्ती
Shyam Sundar Subramanian
छूकर आसमान फिर जमीन पर लौट आएंगे हम
छूकर आसमान फिर जमीन पर लौट आएंगे हम
Ankita Patel
सन्देश खाली
सन्देश खाली
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मेरे कृष्ण की माय आपर
मेरे कृष्ण की माय आपर
Neeraj Mishra " नीर "
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हौंसले को समेट कर मेघ बन
हौंसले को समेट कर मेघ बन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
4683.*पूर्णिका*
4683.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चलती  है  जिन्दगी  क्या ,  सांस , आवाज़  दोनों ,
चलती है जिन्दगी क्या , सांस , आवाज़ दोनों ,
Neelofar Khan
बंदिशें
बंदिशें
Kumud Srivastava
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नवरात्रि
नवरात्रि
surenderpal vaidya
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
Poonam Matia
*कुछ चमत्कार कब होता है, कब अनहोनी कोई होती (राधेश्यामी छंद
*कुछ चमत्कार कब होता है, कब अनहोनी कोई होती (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
लोककवि रामचरन गुप्त मनस्वी साहित्यकार +डॉ. अभिनेष शर्मा
कवि रमेशराज
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
बहुत ही हसीन तू है खूबसूरत
gurudeenverma198
..
..
*प्रणय*
सफ़र ख़ामोशी का
सफ़र ख़ामोशी का
हिमांशु Kulshrestha
हो गया
हो गया
sushil sarna
Loading...