Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2022 · 1 min read

★तक़दीर ★

तकदीर में लिखा है क्या क्या। शाय़द ये तो मुझे पता नहीं। की है आपसे दोस्ती मैंने । की तो कोई खता नहीं। की दोस्त ही है सबसे बड़ा । शायद दोस्ती से बड़ा और कोई रिश्ता नहीं। तकदीर में लिखा है ।क्या क्या शायद ये तो मुझे पता नहीं। कि उड़ जाऊं गगन में । मगर शायद मैं कोई परिंदा नहीं। और क्या लिखूं दोस्ती के बारे में । दोस्ती से पवित्र और कोई रिश्ता नहीं। और क्या सजा दोगे मुझे। शायद मौत से बड़ी तो कोई सजा नहीं । तकदीर में लिखा है क्या क्या शायद ये तो मुझे पता नहीं। और लक्ष्य से हो बढ़कर कोई मेरे लिए शायद ऐसा तो कोई बना नहीं । और बिना लक्ष्य के जो जीवन जिया शायद वो जिया नहीं। जिंदगी एक समंदर है मेरे भाई शायद कोई दरिया नहीं। तकदीर में लिखा है क्या-क्या शायद ये तो मुझे पता नहीं।।

★IPS KAMAL THAKUR ★

2 Likes · 87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"वो एक बात जो मैने कही थी सच ही थी,
*Author प्रणय प्रभात*
आत्मा शरीर और मन
आत्मा शरीर और मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
हवाओं का मिज़ाज जो पहले था वही रहा
Maroof aalam
तुम मत खुरेचना प्यार में ,पत्थरों और वृक्षों के सीने
तुम मत खुरेचना प्यार में ,पत्थरों और वृक्षों के सीने
श्याम सिंह बिष्ट
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
*मन न जाने कहां कहां भटकते रहता है स्थिर नहीं रहता है।चंचल च
Shashi kala vyas
बिल्ली
बिल्ली
Manu Vashistha
मित्रता का बीज
मित्रता का बीज
लक्ष्मी सिंह
*सरलता से जो लें सॉंसें, उसे वरदान कहते हैं (मुक्तक)*
*सरलता से जो लें सॉंसें, उसे वरदान कहते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
फकत है तमन्ना इतनी।
फकत है तमन्ना इतनी।
Taj Mohammad
हुनर
हुनर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आज कोई नही अनजान,
आज कोई नही अनजान,
pravin sharma
2314.पूर्णिका
2314.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हवाएं रुख में आ जाएं टीलो को गुमशुदा कर देती हैं
हवाएं रुख में आ जाएं टीलो को गुमशुदा कर देती हैं
कवि दीपक बवेजा
मैं
मैं
Ranjana Verma
नारा पंजाबियत का, बादल का अंदाज़
नारा पंजाबियत का, बादल का अंदाज़
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किसी नौजवान से
किसी नौजवान से
Shekhar Chandra Mitra
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
फीके फीके रंग हैं, फीकी फ़ाग फुहार।
सूर्यकांत द्विवेदी
एक बार बोल क्यों नहीं
एक बार बोल क्यों नहीं
goutam shaw
संघर्ष
संघर्ष
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हायकू
हायकू
Ajay Chakwate *अजेय*
ठहराव नहीं अच्छा
ठहराव नहीं अच्छा
Dr. Meenakshi Sharma
You have to commit yourself to achieving the dreams that you
You have to commit yourself to achieving the dreams that you
पूर्वार्थ
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
Yogini kajol Pathak
💐प्रेम कौतुक-439💐
💐प्रेम कौतुक-439💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
Umender kumar
समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य।
समता उसके रूप की, मिले कहीं न अन्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
शहरों से निकल के देखो एहसास हमें फिर होगा !ताजगी सुंदर हवा क
DrLakshman Jha Parimal
वार्तालाप
वार्तालाप
Shyam Sundar Subramanian
Loading...