★जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे★
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जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे । तब हम भी उन्हें देख कर मुस्कुराने लगे । जिनसे मिलने में हमें जमाने लगे। आज वो एक पल में हमें छोड़कर जाने लगे । देखे श्मशान में कई अमीर और गरीब ठिकाने लगे। ढला सूरज तो पंछी घर को जाने लगे । रात होते ही याद किस्से पुराने आने लगे । कोई शराब कोई मदिरा तो कोई यादों में डूब जाने लगे । जख्म गैरों ने दिया तो याद अपने आने लगे । और जब हम मिले उन्हें तो मुस्कुराने लगे । जब वो रूठ कर हमसे कतराने लगे।★IPS KAMAL THAKUR ★