Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Nov 2022 · 1 min read

★उसकी यादें ★

यादें उसकी हवा में धीरे-धीरे उड़ रही थीं। मेरी जिंदगी हर मोड़ पर ना जाने क्यों मुड़ रही थी। ना चाहते हुए भी मैं उसे ना रोक सका । क्योंकि वो ऊंचे बादलों में अकेले उड़ रही थी । मेरे सीने में धड़कनें तो चल रही थीं बेशक। मगर मेरे जिस्म से सांसे यूं ही बिछड़ रही थीं। और मैं यूं ही देख रहा था उन हसीन घटाओं को जो अपने पनघट से यूं ही बिछड़ रही थी। अरे सांसे तो दूर की बात हैं कमल अब तो धड़कनें भी जिस्म से झगड़ रही थीं। और मैं उनसे अब लड़ता भी नहीं था वह इस बात पे भी लड़ रही थीं ।और मैं करता तो क्या करता क्योंकि मेरी जिंदगी ही ना जाने हर मोड़ पर क्यों मुड़ रही थी।।
★IPS KAMAL THAKUR ★

3 Likes · 68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ईश्वर का रुप मां
ईश्वर का रुप मां
Keshi Gupta
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
अंबेडकरवादी विचारधारा की संवाहक हैं श्याम निर्मोही जी की कविताएं - रेत पर कश्तियां (काव्य संग्रह)
आर एस आघात
दोहे शहीदों के लिए
दोहे शहीदों के लिए
दुष्यन्त 'बाबा'
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
Khem Kiran Saini
बाप के ब्रह्मभोज की पूड़ी
बाप के ब्रह्मभोज की पूड़ी
नन्दलाल सिंह 'कांतिपति'
जीवन के रंगो संग घुल मिल जाए,
जीवन के रंगो संग घुल मिल जाए,
Shashi kala vyas
नमन!
नमन!
Shriyansh Gupta
दोहा -स्वागत
दोहा -स्वागत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिल के टुकड़े
दिल के टुकड़े
Surinder blackpen
खूबसूरत है दुनियां _ आनंद इसका लेना है।
खूबसूरत है दुनियां _ आनंद इसका लेना है।
Rajesh vyas
किन्नर-व्यथा ...
किन्नर-व्यथा ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ सपनों में आ कर ■
■ सपनों में आ कर ■
*Author प्रणय प्रभात*
अब हो ना हो
अब हो ना हो
Sidhant Sharma
जो मुकद्दर में न लिखा हो तेरे
जो मुकद्दर में न लिखा हो तेरे
Dr fauzia Naseem shad
कर पुस्तक से मित्रता,
कर पुस्तक से मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लिप्सा
लिप्सा
Shyam Sundar Subramanian
क्या है उसके संवादों का सार?
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
मैं भारत हूं (काव्य)
मैं भारत हूं (काव्य)
AMRESH KUMAR VERMA
सफलता यूं ही नहीं मिल जाती है।
सफलता यूं ही नहीं मिल जाती है।
नेताम आर सी
सुख दुःख मनुष्य का मानस पुत्र।
सुख दुःख मनुष्य का मानस पुत्र।
लक्ष्मी सिंह
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
हे री सखी मत डाल अब इतना रंग गुलाल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Khamoshi bhi apni juban rakhti h
Khamoshi bhi apni juban rakhti h
Sakshi Tripathi
अरमां (घमण्ड)
अरमां (घमण्ड)
umesh mehra
" जुदाई "
Aarti sirsat
करीम तू ही बता
करीम तू ही बता
Satish Srijan
🦋 *आज की प्रेरणा🦋
🦋 *आज की प्रेरणा🦋
तरुण सिंह पवार
'मौन का सन्देश'
'मौन का सन्देश'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Shekhar Chandra Mitra
Loading...