सवैया छंदों के नाम व मापनी (सउदाहरण )
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी है
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
एक इश्क में डूबी हुई लड़की कभी भी अपने आशिक दीवाने लड़के को
बिन बोले सब बयान हो जाता है
दोहा त्रयी. . . . शमा -परवाना
आंखो में है नींद पर सोया नही जाता
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
आगे पीछे का नहीं अगल बगल का
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
लड़की कभी एक लड़के से सच्चा प्यार नही कर सकती अल्फाज नही ये
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
जिस बाग में बैठा वहां पे तितलियां मिली