■ सब त्रिकालदर्शी
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■ परीक्षण आवश्यक-
भारतीय कालगणना और ज्योतिष विज्ञान को बदनाम करने वालों की अब भरमार हो चुकी है। सत्रह मुंह, चौंतीस बातें वाली बात को चरितार्थ करते तथाकथित विद्वान अब ग्रहों की चाल नहीं मीडियाई बवाल और सियासी प्रतिबद्धता के आधार पर झूठ परोस रहे हैं। विडम्बमा है कि इनके अधकचरा ज्ञान से एक समृद्ध विज्ञान अकारण उपहास का विषय बन रहा है। जिस पर वास्तविक विद्वानों को आपत्ति उठानी चाहिए। भविष्यवाणियां झूठ निकलने पर सवाल उठने भी ज़रूरी हैं।
【प्रणय प्रभात】