कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
स्त्रियों में ईश्वर, स्त्रियों का ताड़न
जिस पर हँसी के फूल,कभी बिछ जाते थे
ख्वाबों से परहेज़ है मेरा "वास्तविकता रूह को सुकून देती है"
हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
मां शारदा की वंदना
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हसीन चेहरे पर बहकने वाले को क्या ख़बर
आओ कष्ट मिटा देंगे सारे बाबा।
आँख दिखाना आपका,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं,
देखें क्या है राम में (पूरी रामचरित मानस अत्यंत संक्षिप्त शब्दों में)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }