बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
अपने किरदार से चमकता है इंसान,
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
जब से हमारी उनसे मुलाकात हो गई
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
When you think it's worst
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अभिव्यञ्जित तथ्य विशेष नहीं।।
युवराज को जबरन "लंगोट" धारण कराने की कोशिश का अंतिम दिन आज।
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।