■ आज का मुक्तक
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#आज_का_मुक्तक
■ आत्म-साक्षात्कार…
【प्रणय प्रभात】
इंसान अपने कर्म दुनिया से छिपा सकता है, लेकिन स्वयं से नहीं। प्रमाणित है कि आत्मा ही परमात्मा है। आवश्यक है कि हम आत्म-साक्षात्कार करते हुए अपने अंतर में विराजमान प्रभु से अपना लेखा-जोखा पूछते रहें। ताकि कुछ क्षम्य श्रेणी के अपराधों के लिए और कुछ नहीं, कम से कम पश्चाताप तो कर ही सकें।
जय सियाराम।।