Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

ग़ज़ल

दिल बनाया भगवान् ने, और रख दिया सजा के इंसान के अंदर
फिर भी सब से पहले लगती है ठोकर इस मासूम को दिल के अंदर !!

न जाने क्यूं, लगा लेता है अपना दिल , किसी और के दिल के अंदर
फिर अपने आप खुद को समझाता और उलझता है इस संसार के अंदर !!

इस की मासूमियत तो सब से ही ज्यादा निराली है हर एक के अंदर
अपना बना लेने को पल पल न जाने क्या क्या सोचता है दिल के अंदर !!

इतना पास आ जाता है , की दूर होने पर खुद घबराता है अपने अंदर
न सोच जब पूरी होती , तो, चला जाता है, मैखाने में सब से अंदर !!

याद करता, वफ़ा का वास्ता देता, उस अपने प्यारे का बनाने को सिकंदर
पर वो वफ़ा, जब तब्दील हो जाती, किसी बेवफाई का का रूप ले उस के अंदर !!

बर्बाद होने को बस पल पल का इन्तेजार करता ,और ठोकरे खाता ,बन के बंदर
एक दिन मौत पास आ कर उस से पूछती, बोल अब तो चल “ओ” मेरे सिकंदर !!

“अजीत” दिल दिया था रब ने , कुछ कर गुजरने को, तुझे इस जनम के अंदर
पर लगा के दिल को ,किसी और के लिए, बर्बादी का भर गया सारा समंदर !!

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: कविता
166 Views

Books from गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार

You may also like:
जिंदगी के कोरे कागज पर कलम की नोक ज्यादा तेज है...
जिंदगी के कोरे कागज पर कलम की नोक ज्यादा तेज...
कवि दीपक बवेजा
आख़िरी बयान
आख़िरी बयान
Shekhar Chandra Mitra
सच मानो
सच मानो
सूर्यकांत द्विवेदी
आसाध्य वीना का सार
आसाध्य वीना का सार
Utkarsh Dubey “Kokil”
तुम्हारा देखना ❣️
तुम्हारा देखना ❣️
अनंत पांडेय "INϕ9YT"
ब्याह  रचाने चल दिये, शिव जी ले बारात
ब्याह रचाने चल दिये, शिव जी ले बारात
Dr Archana Gupta
2244.
2244.
Khedu Bharti "Satyesh"
बना कुंच से कोंच,रेल-पथ विश्रामालय।।
बना कुंच से कोंच,रेल-पथ विश्रामालय।।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मजदूर भाग -दो
मजदूर भाग -दो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*सड़क पर मेला (व्यंग्य)*
*सड़क पर मेला (व्यंग्य)*
Ravi Prakash
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
पीकर भंग जालिम खाई के पान,
डी. के. निवातिया
क्या ज़रूरत थी
क्या ज़रूरत थी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
■ व्यंग्य / एक न्यूज़ : जो उड़ा दी फ्यूज..
■ व्यंग्य / एक न्यूज़ : जो उड़ा दी फ्यूज..
*Author प्रणय प्रभात*
गम छुपाए रखते है।
गम छुपाए रखते है।
Taj Mohammad
जो दिल के पास रहते हैं
जो दिल के पास रहते हैं
Ranjana Verma
वसंत बहार
वसंत बहार
Shyam Sundar Subramanian
यादें पुरानी
यादें पुरानी
Dr fauzia Naseem shad
“यह मेरा रिटाइअर्मन्ट नहीं, मध्यांतर है”
“यह मेरा रिटाइअर्मन्ट नहीं, मध्यांतर है”
DrLakshman Jha Parimal
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गुरु नानक का जन्मदिन
गुरु नानक का जन्मदिन
सत्य भूषण शर्मा
हवा
हवा
पीयूष धामी
★दर्द भरा जीवन तेरा दर्दों से घबराना नहीं★
★दर्द भरा जीवन तेरा दर्दों से घबराना नहीं★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
यादें
यादें
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
सजल
सजल
Dr. Sunita Singh
कितना सकून है इन , इंसानों  की कब्र पर आकर
कितना सकून है इन , इंसानों की कब्र पर आकर
श्याम सिंह बिष्ट
पूनम की रात में चांद व चांदनी
पूनम की रात में चांद व चांदनी
Ram Krishan Rastogi
💐प्रेम कौतुक-414💐
💐प्रेम कौतुक-414💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भुनेश्वर सिन्हा कांग्रेस नेता छत्तीसगढ़ । Bhuneshwar sinha politician chattisgarh
भुनेश्वर सिन्हा कांग्रेस नेता छत्तीसगढ़ । Bhuneshwar sinha politician chattisgarh
Bhuneshwar sinha
✍️एक सुबह और एक शाम
✍️एक सुबह और एक शाम
'अशांत' शेखर
Loading...