सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
ताउम्र जलता रहा मैं तिरे वफ़ाओं के चराग़ में,
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
जीवन सुंदर गात
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह)
अगर कोई लक्ष्य पाना चाहते हो तो
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
आओ कुंज बिहारी भजन अरविंद भारद्वाज
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
कई खयालों में...!
singh kunwar sarvendra vikram
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
क्यों उसको, निहारना छोड़े l
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी