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22 Sep 2022 · 1 min read

हौसला-2

मिलती जरूर मंजिल, कितनी लंबी हो डगर।
रत्नाकर तक पहुँची है, देखा दरिया का सफर।।
पर वह भी रखता है , पर हौसलो से उड़ता है।
देखा कभी बाज को, कैसे आसमां चीरता है।।
(लेखक-डॉ शिव ‘लहरी)

Language: Hindi
2 Likes · 110 Views
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