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2 Oct 2022 · 1 min read

हो गए

तुम मेरे हुए और सारे मशले हमारे हो गए
मेरे यार! हम तो खुद के बदले तुम्हारे हो गए

दरकार अरसे से थी के मुझे भी सुकून मिले
नींद, चैन, सुकून सब.. यम को प्यारे हो गए

खुद को परेशान देखकर परेशान हो जाता हूँ
तुम्हारे लिए तो ये सब दिलकश नज़ारे हो गए

हकीकत में मैं अभी खुद का हो न सका हूँ
दिखे स्वप्न में तो हम कबके हमारे हो गए

अच्छी बात! बस बात में ही मिलती है
अच्छे दिली लहजे तो अब दिन के तारे हो गए

यार की अय्यारी से निजात पाना मुश्किल है
दुश्मन! दुश्मन था, अब दोस्त सारे हो गए
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: ग़ज़ल
2 Likes · 109 Views
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