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15 Feb 2022 · 1 min read

होली

होली
गोकुल की गलियों में,मची होली की धूम।
मस्त मगन हो नांचे गाए,सभी रहे हैं झूम।।१।।

राधिका प्यारी खेले,सांवरिया के साथ
होली के रंगों से रंगे,सबने अपने हाथ।।२।।

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रचना- पूर्णतः मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृहजिला- सुपौल
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०-9534148597

Language: Hindi
Tag: दोहा
1 Like · 150 Views
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