होते हम अजनबी तो,ऐसा तो नहीं होता
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होते हम अजनबी तो, ऐसा तो होता नहीं।
अफसोस हमको आज, ऐसा तो होता नहीं।।
होती नहीं आज ऐसी शिकायत कोई हमको।
दर्द इन लबों पे आज, ऐसा तो होता नहीं।।
होते हम अजनबी तो———————–।।
दिल में क्या वहम है, बात हमसे करते नहीं।
होकर भी हमारे करीब, हमसे आप मिलते नहीं।।
क्यों छुपाते हैं हम दिल में, आज ऐसे सच को
होता नहीं पर्दा सच पे, ऐसा तो होता नहीं।।
होते हम अजनबी तो———————–।।
दर्द भी मालूम है, दर्द मगर हम कहते नहीं।
पास हमारे जवाब है, लेकिन दवा हम करते नहीं।।
क्यों बने हैं ये रिश्तें, जब मदद हम करते नहीं।
रिश्ता हमारा बदनाम आज, ऐसा तो होता नहीं।।
होते हम अजनबी तो—————————।।
करते नहीं तुम क्यों कबूल, दोष कुछ तुम्हारा भी है।
ये जो बहाते हो आँसू तुम, इनमें गम हमारा भी है।।
आकर तुमसे मिले हम भी,लेकिन कोशिश तुम भी करें।होता नहीं प्यार तुमसे तो, ऐसा तो होता नहीं।।
होते हम अजनबी तो—————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)