Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2023 · 1 min read

हे राम हृदय में आ जाओ

हे राम हृदय में आ जाओ अंतस का रावण वध जाओ
राम नवमी पर हार्दिक शुभकामनाएं
हे राम हृदय में आ जाओ
अंतस का रावण वध जाओ
तन रूपी 10 द्वार की लंका में
कुवृत्तियों रूपी 10 मुख रहता है
आत्मा रूपी यक्ष कैद है
सदवृति रूपी सहज विभीषण
रावण के दबाव में रहता है
हिंसा द्वेष पापरत वृतियां
मेरे अंतस में बैठी हैं
अशांत रहती है दुनिया मेरी
ऊपर से अहम की हेठी है
आ जाओ श्रीराम आ जाओ
अंतस के रावण को मारो
आजाद करो यक्ष मेरा
विभीषण स्वतंत्र कर जाओ
जीत जाए मेरा भी सच
असत्य पराजित हो जाए
विजयादशमी मन जाए
रावण अंतस का जल जाए
हे राम ह्रदय में आ जाओ
अंतस का रावण वध जाओ

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: Poem
93 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी

You may also like:
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
क्या है खूबी हमारी बता दो जरा,
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
उम्र के इस पडाव
उम्र के इस पडाव
Bodhisatva kastooriya
दुर्बल कायर का ही तो बाली आधा वल हर पाता है।
दुर्बल कायर का ही तो बाली आधा वल हर पाता है।
umesh mehra
फेर रहे हैं आंख
फेर रहे हैं आंख
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
नादान बनों
नादान बनों
Satish Srijan
खिलाडी श्री
खिलाडी श्री
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
उद् 🌷गार इक प्यार का
उद् 🌷गार इक प्यार का
Tarun Prasad
एहसासों से भरे पल
एहसासों से भरे पल
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
हिंदी
हिंदी
नन्दलाल सुथार "राही"
हमारे तुम्हारे दरम्यान फासले बस
हमारे तुम्हारे दरम्यान फासले बस
Khushboo Khatoon
परिवर्तन की राह पकड़ो ।
परिवर्तन की राह पकड़ो ।
Buddha Prakash
2324.पूर्णिका
2324.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
धूर अहा बरद छी (मैथिली व्यङ्ग्य कविता)
धूर अहा बरद छी (मैथिली व्यङ्ग्य कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
ख़ुदा ने बख़्शी हैं वो ख़ूबियाँ के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उसे तो देख के ही दिल मेरा बहकता है।
उसे तो देख के ही दिल मेरा बहकता है।
सत्य कुमार प्रेमी
दीपावली 🎇🪔❤️
दीपावली 🎇🪔❤️
Skanda Joshi
देख सिसकता भोला बचपन...
देख सिसकता भोला बचपन...
डॉ.सीमा अग्रवाल
क्या प्यार है तुमको हमसे
क्या प्यार है तुमको हमसे
gurudeenverma198
*जीवन सरल जिएँ हम प्रभु जी ! सीधा सच्चा सादा (भक्ति-गीत)*
*जीवन सरल जिएँ हम प्रभु जी ! सीधा सच्चा सादा (भक्ति-गीत)*
Ravi Prakash
ठहराव नहीं अच्छा
ठहराव नहीं अच्छा
Dr. Meenakshi Sharma
जब तक जरूरत अधूरी रहती है....,
जब तक जरूरत अधूरी रहती है....,
कवि दीपक बवेजा
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
दूरियों में नजर आयी थी दुनियां बड़ी हसीन..
'अशांत' शेखर
डाला है लावा उसने कुछ ऐसा ज़बान से
डाला है लावा उसने कुछ ऐसा ज़बान से
Anis Shah
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खुदसे ही लड़ रहे हैं।
खुदसे ही लड़ रहे हैं।
Taj Mohammad
DaminiQuotes
DaminiQuotes
Damini Narayan Singh
तेरे बग़ैर ये ज़िंदगी अब
तेरे बग़ैर ये ज़िंदगी अब
Aksharjeet Ingole
आंसूओं की नहीं
आंसूओं की नहीं
Dr fauzia Naseem shad
Loading...