हे जग जननी !
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हे जग जननी ! तेरी कृपा
से ही हम सबका अस्तित्व
तेरी महिमा गाया करते हैं
ऋषि, मुनि औ सिद्ध नित्य
नवरात्रि के पर्व पर करते हैं
भक्त सब व्रत औ उपवास
सबकी चाहत यही कि तेरी
कृपा से होता रहे विकास
दुनिया के सभी सिद्धपीठों पे
जुटते बड़ी संख्या में श्रद्धालु
सबकी बस यही कामना कि
माता सदैव बनी रहें कृपालु
मां तुमसे यह प्रार्थना करता
दोनों हाथों को जोड़ उमेश
सुख, शांति और सदबुद्धि दे
काटो जीवन के सब क्लेश