हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
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हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
घर से निकलो दूर तो तब घर याद आता है।
जमाने को बदलने की फिराक में हूं लेकिन
मजबूरियों मै भी उठा हुआ सर याद आता है ।
दीपक सरल
हारे हुए परिंदे को अब सजर याद आता है
घर से निकलो दूर तो तब घर याद आता है।
जमाने को बदलने की फिराक में हूं लेकिन
मजबूरियों मै भी उठा हुआ सर याद आता है ।
दीपक सरल