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3 Mar 2023 · 1 min read

हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस

२१२ २१२ २१२ २१२
हर तरफ़ आज दंगें लड़ाई हैं बस
आज भाषा बनी है ये’ अख़बार की

चोट खाया बदन यूँ तड़फता रहा
ज़ख़्म गहरे हुए हार से यार की

बेच दी बचपना आज उसने “शिवा”
क़त्ल कर दी गयी चाह लाचार की

सृजन~ अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा”

Language: Hindi
60 Views
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