Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2023 · 1 min read

हम बेजान हैं।

कैसे बताएं तुमको कि हम कितना परेशान है।
जिस्म में हरकत है फिर भी लगे हम बेजान हैं।।1।।

हाल क्या बताए हम तुमको अपनी गुरबतों का।
जहां भी जाएं हमें मिलता नहीं कोई काम है।।2।।

बच्चे भी अब बढ़ रहें हैं उम्र में हम ढल रहे हैं।
पर उनकी खातिर किया ना कुछ इन्तज़ाम है।।3।।

जिन्दगी बन करके इक खिलौना बिक रही है।
देखो बाजारों में लग रहा यूं हुस्न का दाम है।।4।।

हर रिश्ते को बेगाना करके वो चली जाती हैं।
बेटियां होती बस कुछ ही दिन की मेहमान हैं।।5।।

हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई जानें क्या पहचान है।
मजहबों के हिसाब से बट गया अब इन्सान है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

4 Likes · 3 Comments · 478 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Godambari Negi
#विषय नैतिकता
#विषय नैतिकता
Radheshyam Khatik
चिला रोटी
चिला रोटी
Lakhan Yadav
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय प्रभात*
अच्छी यादें सम्भाल कर रखा कीजिए
अच्छी यादें सम्भाल कर रखा कीजिए
नूरफातिमा खातून नूरी
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
Neelam Sharma
हर दिल में प्यार है
हर दिल में प्यार है
Surinder blackpen
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी शान है
punam lata
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रिश्तों में दोस्त बनें
रिश्तों में दोस्त बनें
Sonam Puneet Dubey
बड़ी  हसीन  रात  थी  बड़े  हसीन  लोग  थे।
बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुस्कुरायें तो
मुस्कुरायें तो
sushil sarna
"दोस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
*The Bus Stop*
*The Bus Stop*
Poonam Matia
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
Dr.Pratibha Prakash
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
Dr Archana Gupta
विचारों में मतभेद
विचारों में मतभेद
Dr fauzia Naseem shad
एक उम्र तक तो हो जानी चाहिए थी नौकरी,
एक उम्र तक तो हो जानी चाहिए थी नौकरी,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जय माँ चंद्रघंटा
जय माँ चंद्रघंटा
©️ दामिनी नारायण सिंह
*अभिनंदन श्री अशोक विश्नोई जी ( दो कुंडलियाँ )*
*अभिनंदन श्री अशोक विश्नोई जी ( दो कुंडलियाँ )*
Ravi Prakash
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*ट्रक का ज्ञान*
*ट्रक का ज्ञान*
Dr. Priya Gupta
करी लाडू
करी लाडू
Ranjeet kumar patre
गरीबी
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2802. *पूर्णिका*
2802. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कैसे गाएँ गीत मल्हार
कैसे गाएँ गीत मल्हार
संजय कुमार संजू
आओ फिर से हम बिछड़ते हैँ
आओ फिर से हम बिछड़ते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...