ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
*होता अति आसान है, निराकार का ध्यान (कुंडलिया)*
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
बेमतलब सा तू मेरा, और मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी