Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2023 · 2 min read

हकीकत पर एक नजर

#हकीकत_पर_एक_नजर…
जब आप तकलीफ में होते हैं तो बहुत लोगों से कट जाते हैं, मतलब दूर हो जाते हैं। कारण ये नहीं है कि आप कट जाना चाहते हैं, बल्कि इसलिए दूर हो जाते हैं क्योंकि आप अपनी समस्याओं से जूझ रहे होते हैं और अपनी समस्या हर किसी से कहने से परहेज रखते हैं। रखना भी चाहिए क्योंकि कहते हैं न कि ‘आंसू को तो आँखों में भी पनाह नहीं मिलती है’ फिर दूसरे को क्या मतलब आपकी समस्या से ?
अब आपसे जुड़े लोग जैसे रिश्तेदार, दोस्त या आपके नजदीकी लोग आपसे ये जानने की कोशिश भी नहीं करेंगे कि आप क्यों तटस्थ हैं। हाँ ये जरूर कहने में रहेंगे कि आपको घमंड हो गया है और वह भी दूरी बना लेंगे। वैसे ये भी सही है क्योंकि कई लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि आप अपनापन दिखाओ और उससे कारण जानने की कोशिश करो तो वो आपको ही मुजरिम बना देंगे। इसलिए भी कभी-कभी दूर रहना ही सही लगता है।
पर बात ये नहीं है कि आपको क्यों नहीं समझते हैं या क्यों साथ नहीं देते हैं ?
बात ये है कि ये दिखावा क्यों जैसे – ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, हम साथ-साथ हैं वगैरह-वगैरह। ये किसी के लिए मर मिटने की कशमें फिल्मों में ही अच्छी लगती है और वहीं तक सीमित रहती है। अरे भई! आप जरा सी समस्या में घिरे नहीं कि यही लोग दूरी बना लेंगे।
यदि ऐसा नहीं होता तो क्यों यही फिल्मी लोग सामान्य जिंदगी में एक दूसरे के दुश्मन बने रहते हैं ?
इसलिए ऐसे ढकोसले से दूर रहना ही बेहतर है।

-पूनम झा ‘प्रथमा’
जयपुर, राजस्थान 09-07-2023

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 1138 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रमेशराज का हाइकु-शतक
रमेशराज का हाइकु-शतक
कवि रमेशराज
अधखिला फूल निहार रहा है
अधखिला फूल निहार रहा है
VINOD CHAUHAN
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
Chahat
*फ़र्ज*
*फ़र्ज*
Harminder Kaur
ज्ञानवान  दुर्जन  लगे, करो  न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
ख़ान इशरत परवेज़
​चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
​चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
Atul "Krishn"
इश्क़ गुलाबों की महक है, कसौटियों की दांव है,
इश्क़ गुलाबों की महक है, कसौटियों की दांव है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
बड़े परिवर्तन तुरंत नहीं हो सकते, लेकिन प्रयास से कठिन भी आस
ललकार भारद्वाज
********* आजादी की कीमत **********
********* आजादी की कीमत **********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
छल फरेब
छल फरेब
surenderpal vaidya
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
श्री राम अयोध्या आए है
श्री राम अयोध्या आए है
जगदीश लववंशी
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
बे फिकर होके मैं सो तो जाऊं
बे फिकर होके मैं सो तो जाऊं
Shashank Mishra
इश्क का इंसाफ़।
इश्क का इंसाफ़।
Taj Mohammad
*** सागर की लहरें....! ***
*** सागर की लहरें....! ***
VEDANTA PATEL
दूसरों का दर्द महसूस करने वाला इंसान ही
दूसरों का दर्द महसूस करने वाला इंसान ही
shabina. Naaz
मेरा बचपन
मेरा बचपन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
बाबा लक्ष्मण दास की समाधि पर लगे पत्थर पर लिखा हुआ फारसी का
बाबा लक्ष्मण दास की समाधि पर लगे पत्थर पर लिखा हुआ फारसी का
Ravi Prakash
"परखना "
Yogendra Chaturwedi
जय हो कल्याणी माँ 🙏
जय हो कल्याणी माँ 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
you don’t need a certain number of friends, you just need a
you don’t need a certain number of friends, you just need a
पूर्वार्थ
3179.*पूर्णिका*
3179.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
Rj Anand Prajapati
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
वो नए सफर, वो अनजान मुलाकात- इंटरनेट लव
कुमार
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
Loading...