Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
sushil sarna
27 Followers
Follow
Report Content
10 Feb 2024 · 1 min read
सौ बार मरता है
सौ बार मरता है
मरने से पहले
जन्म दाता
वृद्धाश्रम में
अकेला
सुशील सरना
Tag:
Quote Writer
Like
Share
81 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
प्रेम की पेंगें बढ़ाती लड़की / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
पंख
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
एडमिन क हाथ मे हमर सांस क डोरि अटकल अछि ...फेर सेंसर .."पद्
DrLakshman Jha Parimal
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समरथ को नही दोष गोसाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
रामचरितमानस
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*जो लूॅं हर सॉंस उसका स्वर, अयोध्या धाम बन जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
नजरअंदाज करने के
Dr Manju Saini
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
"जब तुम होते पास"
Dr. Kishan tandon kranti
हर रास्ता मुकम्मल हो जरूरी है क्या
कवि दीपक बवेजा
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मौत क़ुदरत ही तो नहीं देती
Dr fauzia Naseem shad
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
surenderpal vaidya
याद
Kanchan Khanna
रामायण के राम का , पूर्ण हुआ बनवास ।
sushil sarna
कोई तो रोशनी का संदेशा दे,
manjula chauhan
पीर- तराजू के पलड़े में, जीवन रखना होता है ।
Ashok deep
चलो मिलते हैं पहाड़ों में,एक खूबसूरत शाम से
पूर्वार्थ
साँप और इंसान
Prakash Chandra
कब तक बरसेंगी लाठियां
Shekhar Chandra Mitra
शूद्र व्यवस्था, वैदिक धर्म की
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"आंधी की तरह आना, तूफां की तरह जाना।
*प्रणय प्रभात*
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
Loading...