Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2016 · 1 min read

सृजन

जब सतरंगी सपना कोई,अक्सर मन को छल जाता है;
जब शहनाई के मधुर स्वरों में कोई मुझे बुलाता है;
जब दर्द पराया,अपना बन,अन्तर्मन को मथ देता है,
तब जन्म ग़ज़ल का होता है,या गीत कोई जग जाता है।

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 660 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" शक "
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
सत्य कुमार प्रेमी
पढ़ना-लिखना तो ज़रूरी है ही,
पढ़ना-लिखना तो ज़रूरी है ही,
Ajit Kumar "Karn"
4731.*पूर्णिका*
4731.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुद पर यकीन,
खुद पर यकीन,
manjula chauhan
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
ज़िन्दगी लाज़वाब,आ तो जा...
पंकज परिंदा
प्रेमागमन / मुसाफ़िर बैठा
प्रेमागमन / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
" कैसा हूँ "
Dr Mukesh 'Aseemit'
ज़िन्दगी  का  हिसाब ऐसा है
ज़िन्दगी का हिसाब ऐसा है
Dr fauzia Naseem shad
राम नाम की लहर
राम नाम की लहर
dr rajmati Surana
👍👍
👍👍
*प्रणय*
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ना छेड़ सखी मन भारी है
ना छेड़ सखी मन भारी है
डी. के. निवातिया
रमेशराज की एक हज़ल
रमेशराज की एक हज़ल
कवि रमेशराज
उत्पादन धर्म का
उत्पादन धर्म का
Arun Prasad
निभाने को यहाँ अब सब नए रिश्ते निभाते हैं
निभाने को यहाँ अब सब नए रिश्ते निभाते हैं
अंसार एटवी
*ढोलक (बाल कविता)*
*ढोलक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सबसे बड़ा दुख
सबसे बड़ा दुख
डॉ. एकान्त नेगी
नेह
नेह
रेवन्त राम सुथार
कुंवारों का तो ठीक है
कुंवारों का तो ठीक है
शेखर सिंह
बड़े वे भाग्यशाली दोस्त जिनके साथ चलते हैं
बड़े वे भाग्यशाली दोस्त जिनके साथ चलते हैं
Dr Archana Gupta
है जरूरी हो रहे
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मरने के बाद।
मरने के बाद।
Taj Mohammad
वो जो कहते है पढ़ना सबसे आसान काम है
वो जो कहते है पढ़ना सबसे आसान काम है
पूर्वार्थ
Future Royal
Future Royal
Tharthing zimik
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
आनंद प्रवीण
अरसा हो गया हमको किसी से कहे हुए...!
अरसा हो गया हमको किसी से कहे हुए...!
AVINASH (Avi...) MEHRA
यूं मेरी आँख लग जाती है,
यूं मेरी आँख लग जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...