सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
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सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
तेरे रुकसार पे भी दिल आफताब हो जाए।
मेरे इन्तेखाब में जिस दिन तू न रहे हमदम ।
मेरे मौला उसी दिन ये आंखें खराब हो जाए ।।
Phool gufran
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
तेरे रुकसार पे भी दिल आफताब हो जाए।
मेरे इन्तेखाब में जिस दिन तू न रहे हमदम ।
मेरे मौला उसी दिन ये आंखें खराब हो जाए ।।
Phool gufran